मिथक 1 – “मुझे यात्रा बीमा की जरूरत नहीं है, क्योंकि मैं हमेशा सुरक्षित यात्रा करता हूँ”
सच्चाई
कई लोग यह सोचते हैं कि अगर वे सावधानी से यात्रा करते हैं और कोई जोखिम नहीं उठाते, तो उन्हें यात्रा बीमा की जरूरत नहीं है। लेकिन सच्चाई यह है कि यात्रा के दौरान अप्रत्याशित घटनाएँ कभी भी हो सकती हैं, चाहे आप कितने ही सतर्क क्यों न हों।
आप स्वयं भी आये दिन अपने जीवन में देखते होंगे की हर दिन आपके हिसाब से नहीं होता। कुछ न कुछ ऐसी चीज़े आये दिन होते रहती है जो आपको पसंद नहीं या आपके सहजता के बिलकुल विपरीत होती है। जबकि वास्तव में हम ऐसा चाहते तो नहीं।
बिलकुल ऐसे ही यात्रा में भी कुछ अंजनी अनचाही घटनाये होने की संभावना बानी रहती है इसे कोई नकार नहीं सकता चाहे कितनी भी सावधानी बरते। इसलिए यात्रा के दौरान और खास करके विदेश यात्रा के दौरान ट्रेवल इन्शुरन्स लेना जरुरी है।
उदाहरण के लिए –
- मेडिकल इमरजेंसी – सबसे बड़ी डिक्ट ये है की विदेश में छोटी सी स्वास्थ्य समस्या भी आपके बजट पर भारी पड़ सकती है। कुछ देशों में मेडिकल खर्चा बहुत अधिक होता है, और बिना बीमा के इसे उठाना मुश्किल हो सकता है। और आपकी यात्रा के प्लान को खराब कर सकता है।
- प्राकृतिक आपदाएं – बाढ़, भूकंप, या तूफान जैसी प्राकृतिक आपदाएं यात्रा के दौरान कभी भी आ सकती हैं और आपकी यात्रा को बाधित कर सकती हैं।
- फ्लाइट कैंसिलेशन या देरी – कई बार आपकी फ्लाइट रद्द हो जाती है या उसमें देरी हो जाती है, जिससे आपका पैसा और समय दोनों बर्बाद होते हैं। ऐसे में यात्रा बीमा आपको राहत दिला सकता है।
इसलिए, चाहे आप कितनी भी सुरक्षित यात्रा करें, अप्रत्याशित घटनाओं के लिए बीमा होना हमेशा जरूरी है।
मिथक 2 – “यात्रा बीमा केवल मेडिकल इमरजेंसी के लिए होता है”
सच्चाई
यह एक आम गलतफहमी है कि यात्रा बीमा केवल मेडिकल आपात स्थितियों के लिए होता है। जबकि स्वास्थ्य सुरक्षा एक प्रमुख हिस्सा होता है, यात्रा बीमा में कई अन्य महत्वपूर्ण कवर भी शामिल होते हैं:
- फ्लाइट कैंसिलेशन या देरी – अगर आपकी फ्लाइट रद्द हो जाती है या देरी हो जाती है, तो बीमा कंपनी आपको मुआवजा दे सकती है। इससे आपको यात्रा संबंधी खर्चों की भरपाई होती है, जैसे होटल बुकिंग, परिवहन, या नए टिकट।
- सामान खोने या चोरी होने का कवरेज – अगर आपका सामान खो जाता है या चोरी हो जाता है, तो बीमा पॉलिसी आपको उस नुकसान की भरपाई करने में मदद कर सकती है।
- यात्रा रद्दीकरण – अगर किसी कारणवश आपको अपनी यात्रा रद्द करनी पड़ती है, तो बीमा आपकी नॉन-रिफंडेबल बुकिंग्स का मुआवजा दे सकता है।
- संपत्ति क्षति या व्यक्तिगत जिम्मेदारी- कुछ बीमा पॉलिसियाँ संपत्ति क्षति या तीसरे पक्ष को हुए नुकसान के लिए भी कवरेज देती हैं।
- कंपेसनेट विजिट – अगर आप विदेश में यात्रा के दौरान बीमार पड़ते है और अपने किसी फॅमिली के साथ या सहायता की जरूरत पड़े तो इन्शुरन्स कंपनी किसी एक फॅमिली मेंबर के लिए आपके पास आने का पूरा खर्च उठती है।
इसलिए, यात्रा बीमा सिर्फ मेडिकल इमरजेंसी के लिए नहीं है, बल्कि यह आपकी यात्रा से संबंधित कई अन्य जोखिमों को भी कवर करता है।
मिथक 3 – “यात्रा बीमा महंगा होता है”
सच्चाई
कई लोग सोचते हैं कि यात्रा बीमा लेना बहुत महंगा होता है, लेकिन यह एक मिथक है। सच्चाई यह है कि यात्रा बीमा की लागत बहुत ही किफायती होती है और यह आपकी कुल यात्रा लागत का एक छोटा हिस्सा होती है। जिसे आप आसानी से अपने बजट में ऐड कर सकते है जो बिलकुल भी आपके आपके बजट को इफ़ेक्ट नहीं करेगी।
कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
- बीमा की लागत आपकी यात्रा की अवधि, गंतव्य, और पॉलिसी के कवरेज पर निर्भर करती है।
- अगर आप एक छोटा प्रीमियम खर्च करके यात्रा बीमा लेते हैं, तो यह आपको भविष्य में होने वाले भारी वित्तीय नुकसान से बचा सकता है। उदाहरण के लिए, विदेश में मेडिकल इमरजेंसी के दौरान अस्पताल का खर्च हजारों डॉलर तक हो सकता है, जिसे यात्रा बीमा आसानी से कवर कर लेता है।
- इसके अलावा, आप ऑनलाइन बीमा खरीदने पर अक्सर छूट या ऑफर पा सकते हैं, जो इसे और भी सस्ता बना देता है।
इसलिए यह सोचना कि यात्रा बीमा महंगा होता है, एक बड़ी गलतफहमी है। यह एक छोटी निवेश है जो आपको संभावित बड़े वित्तीय जोखिमों से बचा सकता है।
मिथक 4 – “मेरे पास हेल्थ इंश्योरेंस है, तो मुझे यात्रा बीमा की जरूरत नहीं”
सच्चाई
यह एक और बड़ी गलतफहमी है। लोग यह मानते हैं कि अगर उनके पास हेल्थ इंश्योरेंस है, तो उन्हें यात्रा बीमा की आवश्यकता नहीं है। लेकिन यह जरूरी नहीं कि आपका हेल्थ इंश्योरेंस आपकी यात्रा के दौरान आने वाली हर स्थिति को कवर करे।
कुछ महत्वपूर्ण अंतर
- स्थानीय कवरेज – ज्यादातर हेल्थ इंश्योरेंस योजनाएँ केवल घरेलू मेडिकल खर्चों को कवर करती हैं, और विदेश में उनकी कोई वैधता नहीं होती।
- यात्रा से जुड़े जोखिम – हेल्थ इंश्योरेंस सिर्फ मेडिकल खर्चों को कवर करता है, लेकिन यात्रा बीमा में फ्लाइट कैंसिलेशन, सामान खोने, यात्रा रद्दीकरण, और अन्य जोखिम भी शामिल होते हैं।
- मेडिकल इवैक्यूएशन – अगर आपको गंभीर मेडिकल स्थिति के कारण विदेश से वापस लाना पड़ता है, तो हेल्थ इंश्योरेंस इसे कवर नहीं करता, लेकिन यात्रा बीमा इसे कवर कर सकता है।
इसलिए, हेल्थ इंश्योरेंस होने के बावजूद, यात्रा के दौरान यात्रा बीमा लेना एक बेहतर और आवश्यक कदम होता है।
मिथक 5 – “अगर मैं छोटी यात्रा पर जा रहा हूँ, तो बीमा की जरूरत नहीं है”
सच्चाई
चाहे आपकी यात्रा छोटी हो या बड़ी, अप्रत्याशित घटनाएँ कभी भी हो सकती हैं। यह जरूरी नहीं कि लंबी यात्रा ही जोखिम भरी हो; छोटी यात्राओं में भी कई समस्याएँ आ सकती हैं।
उदाहरण
- अगर आप एक दिन के लिए दूसरे शहर या देश में जाते हैं और वहां आपकी फ्लाइट कैंसिल हो जाती है, तो आपको अपने होटल में रुकने और नई फ्लाइट बुक करने में अतिरिक्त खर्चा करना पड़ेगा।
- छोटी यात्राओं में भी सामान खोने, मेडिकल इमरजेंसी, या अन्य आपात स्थितियाँ आ सकती हैं।
- एडवेंचर एक्टिविटी के दौरान भी चोट या दुर्घटना हो सकती है, जिससे बीमा की आवश्यकता महसूस हो सकती है।
इसलिए, यात्रा का समय छोटा होने के बावजूद यात्रा बीमा लेना एक स्मार्ट निर्णय है, क्योंकि छोटी सी परेशानी भी बड़ी आर्थिक हानि में बदल सकती है। इससे आपका फाइनेंसियल बैलेंस डगमगा सकता है। यात्रा के बाद आपको वापस अपने देश और अपने काम को भी लौटना है और अगर आपकी यात्रा के दौरान आर्थिक स्थिति बिगड़ती है तो इसका असर आपके जीवन पर पद सकता है और आपकी यात्रा की याद को कड़वा कर सकता है।
निष्कर्ष
यात्रा बीमा से जुड़े कई मिथक लोगों के बीच प्रचलित हैं, जो उन्हें सही यात्रा बीमा लेने के निर्णय से रोकते हैं। हालांकि, सच्चाई यह है कि यात्रा बीमा न केवल आपकी यात्रा को सुरक्षित बनाता है, बल्कि आपको मानसिक शांति भी प्रदान करता है। चाहे आपकी यात्रा छोटी हो या बड़ी, घरेलू हो या अंतर्राष्ट्रीय, यात्रा बीमा लेना एक समझदारी भरा कदम है।
आपकी यात्रा को सुरक्षित और आरामदायक बनाने के लिए यह जरूरी है कि आप इन मिथकों पर विश्वास न करें और सही जानकारी के साथ सही बीमा पॉलिसी का चुनाव करें।